Share Market Trading Tips For Beginners in Hindi


शेयर मार्केट में कई लोग दूसरों के प्रॉफिट को देखकर एंट्री करते हैं। लेकिन जब भी दूसरों को देखा जाता है तो उसमें सत्य नहीं देखा जाता, क्योंकि शेयर मार्केट में अधिकतर लोग अपने profit को ही दिखाते हैं Loss को नहीं। मैं उन लोगों के लिए Post लिखने जा रहा हूं 


जो दूसरों के प्रॉफिट को देखकर मार्केट में एंट्री करते हैं और जब ट्रेडिंग करते हैं तो बहुत बड़ा Loss होता है, तब सिर पकड़ कर बैठ जाते हैं। और उस Loss को recover करने के चक्कर में और अधिक Loss कर बैठते हैं।

तो आइए हम जानते हैं कि वह कौन सी गाइडलाइंस है जिनको फॉलो करने के बाद beginners भी share market में profitable हो सकते हैं। वह सारी जानकारी हम नीचे प्राप्त करते हैं।

1. Discipline (अनुशासन) :– 


जिस तरह से एक अच्छा जीवन जीने के लिए अनुशासन की जितनी आवश्यकता होती है, ताकि जीवन में सभी काम समय पर और सही ढंग से पूर्ण हो सके। ठीक उसी तरह से ट्रेडिंग करते समय भी अनुशासन की उतनी ही आवश्यकता होती है जिससे कि ट्रेडिंग में होने वाले अवांछित नुकसान से बचा जा सके और एक अच्छा ट्रेडर बनकर अच्छा प्रॉफिट कमा सके।

सफल ट्रेडर को दर्शाने वाले बिंदु।

उसके लिए आवश्यक है कि दिन में एक या दो ट्रेड ही करें , लेकिन प्रॉपर सेटअप बनने के बाद ही करें और यदि कभी सेटअप नहीं बन रहा है तो जबरदस्ती ट्रेड करने से बचे ।

क्योंकि कई बार मार्केट में बिगनर्स कोई ट्रेडिंग सेटअप न बनने के बाद भी कुछ पॉइंट्स लेने के चक्कर में जबरदस्ती ट्रेड बना लेते हैं और ऐसे में उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।

2. Risk Management :-


beginners के लिए risk management को follow करना बहुत अधिक अनिवार्य हैं, इसके लिए कुछ पॉइंट्स नीचे दे रहे हैं।

          Risk Management


a) Fix setup in trading:  

     Beginners को अपना एक फिक्स सेटअप बना कर रखना चाहिए कि जब तक अपना सेटअप नहीं बनेगा तब तक हम ट्रेडिंग नहीं करेंगे, अर्थात हम जो भी स्ट्रेटजी follow कर रहे हैं जब तक वह strategy नहीं बनती है हमें किसी भी तरह का trade market में जबरदस्ती नहीं बनाना होता है।

b) Less Quantity:- 

   beginners F n O अर्थात फ्यूचर एंड ऑप्शंस में ट्रेड कर रहे हैं तो उन्हें Lot साइज बहुत कम रखना अनिवार्य होता है , जैसे beginners को एक single Lot से काम करना चाहिए और लॉस को बहुत कम मात्रा में रखना चाहिए।

प्रॉफिट को थोड़ा ज्यादा और होल्ड करना चाहिए। ताकि प्रॉफिट को और बढ़ाया जा सके। लेकिन loss को होल्ड बिल्कुल नहीं करना चाहिए एक लिमिट के बाद उस पोजीशन को तुरंत square off कर देना चाहिए।

c) Stop Loss:- 

    future and options मैं ट्रेड करते समय स्टॉप लॉस लगाना अनिवार्य होता है, जिसे या तो बिगनर्स लगाते ही नहीं है, या फिर Stop Loss को दिमाग में रखते हैं , कि यहां से नीचे आने के बाद में अपनी पोजीशन को स्वयं sell कर दूंगा, लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है।
 


जब मार्केट उस sl को trigger कर देता है तब बिगिनर्स ट्रेडर उस ट्रेड को नहीं बेच पाते हैं और उम्मीद करके बैठ जाते हैं कि थोड़ा और ऊपर आएगा तो बेच देंगे ।

इस तरह से उनका पूरा का पूरा कैपिटल ही लगभग खत्म हो जाता है अतः बिगनर्स को ऐसा गलती कभी नहीं करना चाहिए। SL जरूर लगाना चाहिए।

d)  Money management:-

   beginners को Money management अति आवश्यक होता है क्योंकि बिगिनर्स सारा पैसा एक साथ ही शेयर मार्केट में लगा देते हैं , और छोटा प्रॉफिट कमाने के चक्कर में सारा का सारा पैसा ही Loss में बदल देते हैं। अतः अनिवार्य है कि बिगिनर्स को मार्केट में सीखने के लिए छोटा कैपिटल लाना चाहिए। 

प्रॉपर डिसिप्लिन के साथ ही उस पैसे को शेयर बाजार में लगाना चाहिए। और दूसरा 1,20,000 ₹ का 12 हिस्सों में डिविजन करके 10– 10 हजार प्रति माह ही शेयर बाजार में लगाना बहुत अच्छा मैनेजमेंट होता है। 

इससे अपना कैपिटल भी बचा रहता है। और बहुत बड़ा लॉस कभी नहीं होता तथा धीरे-धीरे प्रॉफिट बढ़ता रहता है।

 3. STRIKE PRICE :- 


Beginners Ko Strike Price का Selection बिल्कुल सही करना होता है अगर गलत स्ट्राइक प्राइस का चयन करता है तो बहुत अधिक लॉस होने की संभावना होती है।

उचित स्ट्राइक प्राइस का चयन करने के लिए हम नीचे इनका डिटेल में विवरण दे रहे हैं।

a) ATM (AT THE MONEY) :-

ATM वह स्ट्राइक प्राइस होता है जो जहां मार्केट चल रहा है उसके बिल्कुल नजदीक का स्ट्राइक का चयन करना। जैसे मार्केट में अभी निफ्टी– 50 का price 21, 730 के लगभग चल रहा है।

ATM strike price 21700 और 21750 का ce और pe होता है।

b) ITM (IN THE MONEY) :-

ITM वह स्ट्राइक प्राइस होता है जो मार्केट जहां चल रहा है ठीक उसके अंदर वाला स्टॉक प्राइस का चयन।जैसे मार्केट में अभी निफ्टी– 50 का price 21, 730 के लगभग चल रहा है। 

ITM strike price 21600 और 21650 का CE व 21800 और 21850 का PE ITM स्ट्राइक प्राइस होता है। जिसमें strike price का premium  तेजी से बढ़ता है theta की वजह से।

c) OTM ( OUT THE MONEY )

OTM वह strike price होती हैं जो मार्केट जहां चल रहा है उसके ठीक दूर वाला स्ट्राइक प्राइस। जैसे मार्केट में अभी निफ्टी– 50 का price 21, 730 के लगभग चल रहा है। 

OTM strike price 21600 व 21650 का pe और 21800 और 21850 का ce होता है। इसमें स्ट्राइक प्राइस का price तो कम होता है लेकिन इसका premium बहुत तेजी से घटता है।
 

4. TIME FRAME :- 


1.beginners ko intraday trading करते समय अलग-अलग टाइम फ्रेम का उसे करना होता है। अर्थात यदि कोई scalping के लिए ट्रेड करता है तो वह 1 मिनट 3 मिनट और 5 मिनट का टाइम फ्रेम का use करता है।

scalping trade में लंबा टाइम के लिए किसी भी ट्रेड को होल्ड नहीं किया जाता क्योंकि इसका टारगेट बहुत जल्दी आ जाता है पर अगर टारगेट नहीं आता है तब sl कट जाता है। 

2.और यदि sl नहीं कटता और मार्केट sideways हो जाता है तब theta Decay की वजह से प्रीमियम बहुत कम हो जाता है इसलिए इस trade से तुरंत निश्चित समय में बाहर आना अनिवार्य होता है।

3. 5 और 15 मिनट का टाइम फ्रेम भी काफी अच्छा माना जाता है जिसमें confirmation के आने के बाद trader trade को बनाता है और इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट कमाता है।

5. LIQUIDITY :- 


Beginners की सबसे बड़ी गलती गलत स्ट्राइक प्राइस का चयन करना होती है जिसमें लिक्विडिटी बहुत कम होती है, अर्थात दूर की स्ट्राइक price OTM select करना , क्योंकि OTM बहुत ही सस्ती होती है।

Index में तो फिर भी लिक्विडिटी मिल जाते हैं लेकिन stocks में otm पर लिक्विडिटी बिल्कुल नहीं के बराबर मिलती। 

उसमें खरीदने और बेचने वाले बहुत कम होने की वजह से कोई भी buy करने के बाद उसको sell करना बहुत मुश्किल हो जाता है ।

और ऐसी ट्रेड में हमें बहुत ज्यादा लॉस होने की संभावना होती है।

अतः एक अच्छा ट्रेडर बनने के लिए हमें लिक्विडिटी वाला ट्रेड जैसे ITM aur ATM strike price को सेलेक्ट करना बहुत जरूरी होता है।

DISCLAIMER :- 

ऊपर दी गई समस्त जानकारी एक सफल ट्रेडर बनने में सहायक है। यह किसी भी तरह का जबरदस्ती ट्रेडिंग करने का सुझाव नहीं है । यदि आप इसके बेसिस पर ट्रेड करते हैं तो उसमें Loss और profit होने की पूरी-पूरी जिम्मेदारी स्वयं की होगी। में कोई sebi रजिस्टर्ड सलाहकार नहीं हूं ।अतः आप ट्रेडिंग को चुनने से पूर्व अपने sebi रजिस्टर्ड सलाहकार से अथवा अपनी स्वयं की एनालिसिस से ही ट्रेडिंग करें।


और नीचे दी गई लिंक से ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करें जिससे आपको account opening benefit जरूर मिलेगा।
 


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