Option Buying 🆚 Option Selling in Hindi


हेलो , जय श्री राम 🙏 , दोस्तों आप भी ऑप्शन बाइंग करते होंगे और आप अक्सर सुनते होंगे कि ऑप्शन सेलिंग में बहुत इजी पैसा है, बहुत आसान तरीके से पैसा कमा सकते हैं। जी हां दोस्तों हम इसी डाउट को क्लियर करने जा रहे हैं की एक रिटेलर ऑपरेटर की अपेक्षा आसानी से पैसा किस तरह से कमा सकता है। उसके लिए क्या-क्या नियम शर्ते हैं , किन – किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक हैं। आइए सब की चर्चा करते हैं।

OPTION BUYING क्या है?


  1. जब एक Retailer या Operater अपने analysis के हिसाब से किसी भी index जैसे Nifty 50 , Bank Nifty, finance –Nifty , sensex, madcap Nifty आदि या किसी भी stocks का CE व PE को खरीद लेते हैं ।
  2. जिसके अंतर्गत कई सारी एनालिसिस जैसे कैंडलस्टिक पेटर्न, चार्ट पेटर्न , कोई भी स्पेशल न्यूज़ जो मार्केट को हिलाने में सक्षम हो , कई दिनों के कंसोलिडेशन के बाद मार्केट में ब्रेकडाउन या ब्रेक आउट होना आदि के हिसाब से Retailer अपना ट्रेड CE व PE को खरीद कर बना लेते हैं ।
  3. जिनमें प्रत्येक की Lot size अलग-अलग होती है अर्थात किसी Lot में Quantity कम होती है और किसी Lot में Quantity ज्यादा होती है क्योंकि Quantity उसे इंडेक्स या स्टॉक के Lot पर निर्भर करती है।


OPTION BUYING के फायदे :–


 OPTION BUYING के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं, लेकिन कैसे यह जानने के लिए हम कुछ विशेषताएं नीचे दे रहे हैं जिनको पढ़ने के बाद आप यह समझ पाएंगे कि Option Buy कितना फायदेमंद हैं।

  1. Option Buying का सबसे बड़ा फायदा बहुत कम कैपिटल/Marjin में हम मार्केट में काम कर सकते हैं।
  2. यदि स्टॉक मार्केट अपने डायरेक्शन में चलता है तब हम अपनी कैपिटल से भी कई अधिक गुना तक पैसा मार्केट से कमा सकते हैं। 
  3.  एक रिटेलर कम पैसा लाकर भी अपने पैसे को कई गुना तक बढ़ा सकता है।
  4.  ITM और ATM की Strike Price के Lot हम अपनी क्षमता के अनुसार कम और ज्यादा खरीद सकते हैं।
  5. Expiry Special Day बहुत कम रुपए मार्केट में लगाकर बहुत अधिक पैसा कमाने का सुनहरा मौका मिलता है।

OPTION BUYING के नुकसान :–


OPTION BUYING के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं, लेकिन कैसे यह जानने के लिए हम कुछ विशेषताएं नीचे दे रहे हैं जिनको पढ़ने के बाद आप यह समझ पाएंगे कि Option Buy कितना नुकसानदायक हैं।


  1. Option Buying मैं भी बहुत कम कैपिटल/ मार्जिन का उपयोग होता है, लेकिन यदि समय के साथ मार्केट अपने डायरेक्शन में मूवमेंट नहीं करता है तो Option Buying की वैल्यू बहुत कम हो जाती हैं।
  2. Sideways Market में thetha decay के कारण options की गिरावट बहुत तेजी से होती हैं जो options buyers के लिए बहुत नुकसानदायक हैं।
  3. जो भी ट्रेडर्स सिर्फ फायदों को देखकर ही मार्केट में आते हैं, वह अंधाधुंध ट्रेड करके मार्केट में thetha decay अर्थात मूल्य का गलन के कारण नुकसान ही उठाते हैं। साथ ही ब्रोकर को ब्रोकरेज अपनी जेब से देनी पड़ती है।
  4. Expiry Special Day में जो भी पैसा लगाया जाता है, वह सारा पैसा जीरो तुरंत प्रभाव से होता है, यदि मार्केट अपनी डायरेक्शन के विपरीत मूवमेंट करता है ।
  5. यदि कोई भी रिटेलर OTM स्ट्राइक प्राइस का चयन करता है तो बहुत कम समय में OTM की वैल्यू गल जाती हैं और ट्रेडर्स को नुकसान ही होता है।

OPTION SELLING क्या है? 


  • OPTION SELLING के लिए बहुत अधिक मार्जिन या कैपिटल की आवश्यकता होती है जिसे नए ट्रेडर्स नहीं कर पाते हैं क्योंकि Risk Management को नए ट्रेडर फॉलो नहीं कर पाते हैं। इसमें patience रखना बहुत अधिक आवश्यक होता है , और प्रॉपर स्टॉप लॉस का उपयोग भी करना होता है। अन्यथा ऑप्शन सेलिंग बहुत कम समय में अपनी सारी पूंजी को ही जीरो कर सकती हैं ।

  • जब एक Retailer या Operater अपने analysis के हिसाब से किसी भी index जैसे Nifty 50 , Bank Nifty, finance – Nifty , sensex, madcap Nifty आदि या किसी भी stocks का CE व PE को बेच देते हैं ।

  •  जिनमें प्रत्येक की Lot size अलग-अलग होती है अर्थात किसी Lot में Quantity कम होती है और किसी Lot में Quantity ज्यादा होती है क्योंकि Quantity उसे इंडेक्स या स्टॉक के Lot पर निर्भर करती है।

  • इसके अंतर्गत कई सारी एनालिसिस जैसे कैंडलस्टिक पेटर्न, चार्ट पेटर्न , कोई भी स्पेशल न्यूज़ जो मार्केट को हिलाने में सक्षम हो , कई दिनों के कंसोलिडेशन के बाद मार्केट में ब्रेक डाउन या ब्रेक आउट होना आदि के हिसाब से Retailer या Operater अपना ट्रेड CE व PE को बेच कर बना लेते हैं । 


 OPTION SELLING के फायदे :– 


  1. ऑप्शन सेलिंग में ट्रेडर्स को बैठे बिठाये ही प्रॉफिट होता है जब मार्केट sideways हो अथवा अपनी एनालिसिस प्रॉपर सही तरीके से कम कर रही हो।
  2. Thetha Decay के कारण लोगों को निश्चित ही प्रॉफिट मे मिलता है।
  3. ऑप्शन सेलिंग में सारा खेल ही thetha के गलन का होता है क्योंकि वही पैसा हमें इसके अंदर मिलता है।
  4. टेक्निकल एनालिसिस पर ट्रेडर्स की जितनी अच्छी कमान होगी उतना ही ऑप्शन सेलिंग में बड़ा पैसा बना सकता है , लेकिन वह लिमिटेड होता है जबकि ऑप्शन बाइंग में अनलिमिटेड पैसा कमा सकता है।

OPTION SELLING के नुकसान : –


  1. ऑप्शन सेलिंग में बहुत अधिक Risk होता है, क्योंकि इसमें प्रॉफिट लिमिटेड ,लेकिन लॉस अनलिमिटेड हो सकता है।
  2. बहुत अधिक मार्जिन लगने के कारण छोटे ट्रेडर्स इसमें trade नहीं कर सकते हैं । क्योंकि छोटे ट्रेडर्स के पास बहुत कम कैपिटल होती है।
  3. यदि ऑप्शन सेलिंग में ट्रेडर्स की टेक्निकल एनालिसिस गलत साबित होती है तो प्रॉपर स्टॉप लॉस के साथ ही ट्रेड करना चाहिए, अन्यथा छोटे से प्रॉफिट के लिए बहुत बड़ा लॉस भी इसमें झेलना पड़ सकता है।
  4. ऑप्शन सेलिंग में बड़े-बड़े निवेशक,ऑपरेटर और बहुत अधिक कैपिटल वाले ट्रेडर्स ही trade करते हैं कम कैपिटल वाले ट्रेडर्स इसमें ट्रेड नहीं कर सकते हैं।

Risk Management :- 


शेयर बाजार में निवेश करना जोखिमों के अधीन है ।अतः अपने होने वाले रिस्क को कम करने के लिए  प्रत्येक ट्रेडर्स को स्टॉप लॉस का प्रयोग करना अति आवश्यक होता है। ट्रेडर्स को ट्रेड करने से पहले अपने रिस्क को समझ कर उसका उचित मैनेजमेंट करना अति आवश्यक हैं।

Disclaimer: म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश जोखिम पर आधारित होता है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।

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