Bullish and Bearish Meaning in Hindi | Bull and Bear In Hindi


जय श्री राम दोस्तों, शेयर मार्केट में जैसे-जैसे समय निकल रहा है, वैसे नए – नए बिगिनर्स ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स की संख्या बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। जिसका कारण यह है कि वर्तमान में बेरोजगारी बहुत अधिक बढ़ गई है और लोगों को कम समय में अधिक पैसा कमाना है ।


इसलिए या तो लोगों को देखा देखी में बहुत जल्दी पैसा कमाने की चाहत बढ़ गई है या दूसरे लोगों के स्क्रीन शॉर्ट्स को देखकर लोग शेयर मार्केट में कदम रख रहे हैं । कुछ लोग तो अंधाधुंध पैसा कमाने के लिए भी शेयर बाजार में आते हैं।


तब इस एपीसोड में हम जानेंगे कि हमें किस तरह से स्टॉक मार्केट में कदम रखना चाहिए, किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, कैसे-कैसे ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंगकरना चाहिए । स्टॉक मार्केट में बुल Bull और बियर Bear किस तरह से काम करते हैं, आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

Bull market learning

स्टॉक मार्केट में बुल bull का अर्थ है तेजी। अर्थात शेयर मार्केट जब बढ़ता हुआ ट्रेंड होता है तो वह बुल मार्केट को इंडिकेट करता है।

बुल मार्केट लर्निंग के अंदर हम स्टॉक मार्केट में चल रहे ट्रेंड के बारे में बात करते हैं, बुल मार्केट क्या होता है आईए इसको परिभाषा सहित जानते हैं:–

1. Bull /  Bullish Meaning in stock market


बुल मार्केट शेयर बाजार में बुलिश ट्रेंड को बताता है , अर्थात जब मार्केट बढ़ते हुए क्रम में ऊपर की ओर बढ़ रहा होता है तब हम उस पैटर्न को bullish पैटर्न या up trend कहते हैं अर्थात मार्केट का बुल ट्रेंड 📈 चल रहा होता है। बुल स्टॉक मार्केट में तेजी को दर्शाता हैं।


अर्थात मार्केट रेजिस्टेंस से नीचे तो गिरता है लेकिन support पर bullish पैटर्न बनाकर रेजिस्टेंस को बहुत अधिक वॉल्यूम (Volumes) के साथ ब्रेक करके ऊपर बढ़ता है। जिसे हम मार्केट में बुल मार्केट ट्रेंड कहते हैं।

Bullish candlestick pattern in Stock Market 


बुल मार्केट ट्रेंड में हम ट्रेड करने से पहले अपने view को बुलीश रखते हैं और जब मार्केट रेजिस्टेंस से नीचे गिरता है तब हम सपोर्ट पर बुलिस कैंडल बनाने के बाद अपना ट्रेड एग्जीक्यूट करते हैं।


 जिसमें उस ट्रेड का स्टॉपलॉस सपोर्ट पर बनी कैंडल का लो low प्राइस होता है । बुलीश मार्केट में हम ce अर्थात call साइड का ट्रेड लेते हैं।

Bear Market Learning

शेयर बाजार में बियर का अर्थ होता है मंदी। अर्थात शेयर बाजार का नीचे गरना। बियर मार्केट लर्निंग के अंदर हम मार्केट में चल रहे ट्रेंड को पहचान कर उसके अनुसार ट्रेड बनाते हैं ।

 तो बियर मार्केट क्या होता है इसमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, और किस तरह से ट्रेड बनाना चाहिए । इन सब की आगे बात करते हैं। 

2. Bear /  Bearish Meaning in stock market 


बियर मार्केट हमें चल रहे शेयर बाजार के बियरिस ट्रेंड 📉 को बताता है। अर्थात जब मार्केट में ट्रेंड बेयरिश दिशा ( डाउन ट्रेंड) में चल रहा होता है अर्थात ऊपर से नीचे की ओर निरंतर गिर रहा होता है। बियर Bear शेयर बाजार में मंदी को दर्शाता है।


अर्थात मार्केट नीचे आने के बाद सपोर्ट से ऊपर तो बढ़ता है , लेकिन रेजिस्टेंस से नेगेटिव कैंडल बनाकर बहुत अधिक वॉल्यूम्स के साथ नीचे सपोर्ट को ब्रेक करके गिरता है तब हम उस ट्रेंड को bearish या बियर ट्रेंड कहते हैं ।

Bearish candlestick pattern in share market 

बियर मार्केट ट्रेड में हम pe अर्थात put साइड का ट्रेड लेते हैं।

जब शेयर मार्केट में सपोर्ट पर ग्रीन कैंडल बनाकर मार्केट ऊपर बढ़ता है लेकिन रेजिस्टेंस पर रेड कैंडल बनाकर जब वहां से गिरता है तब हम यह ट्रेड एग्जीक्यूट कर सकते हैं। जिसमें हमारा स्टॉप लॉस उस रेजिस्टेंस की कैंडल का हाई high प्राइस होता है।

 

3. Candle Stick Chart Pattern 


  • जब भी कोई ट्रेडर इक्विटी equity में इन्वेस्ट कर रहा होता है , तब उसे कैंडलेस्टिक पेटर्न को जरूर फॉलो करना चाहिए। क्योंकि चार्ट पर बनने वाले पैटर्न से हमें बहुत अधिक सहायता मिलती है।

  • स्टॉक मार्केट में जब भी कोई स्टॉक बहुत अधिक समय से एक ही रेंज के अंदर ट्रेड कर रहा है , और उसके बाद जब भी उसे रेंज का ब्रेक आउट अप या डाउन साइड होता है, तो उसका हमें बहुत बड़ा टारगेट बहुत ही कम समय में मिल जाता है।

  • ऐसे स्टॉक में बहुत अधिक समय तक कंसोलिडेटेड होने के बाद जैसे ही up side ब्रेकआउट होता है और उसका उसका रिटेस्ट होता है , तब अप up साइड में बहुत बड़ी रैली देखने को मिलती है।

  • और यदि ऐसे स्टॉक में बहुत अधिक कंसोलिडेटेड होने के बाद डाउन साइड ब्रेकडाउन होता है , तब बहुत अधिक गिरावट बहुत कम समय में ही हमें देखने को मिल जाती है।

  • इसलिए एक अच्छे ट्रेडर को कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न को सिखाना बहुत अधिक आवश्यक हैं , जिससे कि बिगिनर्स या ट्रेडर्स अपने प्रॉफिट को और अधिक बढ़ा सके।

  • बिगिनर्स को कभी भी शेयर मार्केट सीखने से पीछे नहीं हटना चाहिए। क्योंकि बिगिनर्स को लॉस बहुत अधिक होता है , लेकिन सीखने के बाद बिगिनर्स का कॉन्फिडेंस अर्थात आत्मविश्वास बढ़ता है , और सीखने के बाद खुद से ट्रेडिंग करके अच्छी कमाई कर सकता है ।

4. शेयर मार्केट में सावधानियां

शेयर बाजार में किन बातों का ध्यान रखें

1. शेयर मार्केट में कदम रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को बहुत अधिक सावधानी पूर्वक कार्य करना चाहिए। अर्थात किसी भी दूसरे का प्रॉफिट के स्क्रीनशॉट को देखकर काम नहीं करना चाहिए अन्यथा वह बर्बाद हो सकता है।


2. किसी दूसरे के बहकावे में आकर भी हमें डायरेक्ट ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। स्टॉक मार्केट में सिखना बहुत अधिक जरूरी होता है , चाहे वह स्वयं मेहनत करके सीखे या किसी दूसरे व्यक्ति से सीखे या ऑनलाइन यूट्यूब वीडियो देखकर सीखे ।


3. शेयर बाजार में कभी भी गलत भावना के साथ नहीं आना चाहिए। क्योंकि इसमें नहीं तो कोई रातों-रात करोड़पति बन सकता है और नहीं बिना सीखे एक ही दिन में या कुछ दिनों में बहुत पैसे कमाए जा सकते हैं।


4. यह शेयर बाजार का कटु सत्य है कि सिस्टमैटिक तरीके से इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग करके इसमें बहुत अधिक पैसा कमाया  जा सकता है , लेकिन अंधाधुन ट्रेडिंग करके बिना सीखे करोड़ों रुपए गंवाकर रोड पति भी इसी से बना जा सकता है ।

 5. "शेयर बाजार एक ऐसा कुआं है , जो पूरी दुनिया की प्यास बुझा सकता है। यदि उसका सही ढंग से सीख कर उपयोग किया जाए अन्यथा यह समस्त पूंजी को डुबोकर रोड़पति बना सकता है, यदि बिना सीखे दुरुपयोग करके ट्रेडिंग किया जाए ।"

चेतावनी 


शेयर बाजार बहुत अधिक खतरों से भरा पड़ा है इसमें निवेश करना अपनी जान जोखिम में डालने के बराबर है । अतः सोच समझकर निवेश करें और रजिस्टर्ड sebi सलाहकार से अवश्य सलाह लेने के बाद ही स्टॉक मार्केट में निवेश करें।

Share market में Risk 

शेयर बाजार में होने वाले समस्त लाभ और हानि के लिए स्वयं जिम्मेदार होते हैं । होने वाला प्रॉफिट भी स्वयं का होता है , और लॉस को भी स्वयं ही भुगतना पड़ता है । अतः अपना कॉमनसेंस अर्थात स्वविवेक का उपयोग करके ही से बाजार में कदम बढ़ाए।

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