Risk Management In Stock Market In Hindi/शेयर बाजार में जोखिम प्रबंधन क्या है?


जय श्री राम दोस्तों, आप सभी शेयर बाजार के बेसिक से परिचित हो गए होंगे। स्टॉक मार्केट में पैसा कमाने के उद्देश्य से तो सभी बिगनर्स कदम बढ़ाते हैं, लेकिन वह इसमें होने वाले नुकसान या हानि को नजर अंदाज कर देते हैं।


जब भी एक ट्रेडर शेयर बाजार में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करता है तब उसमें होने वाले लाभ को बढ़ाने के लिए और होने वाली हानी को कम करने के लिए स्टॉक मार्केट में जोखिम का प्रबंध करता है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं की एक निवेशक को किस तरह से शेयर बाजार में जोखिम को कम करना चाहिए और अपने लाभ को किस तरह अधिक बढ़ाना चाहिए।


What is risk management in stock trading?



The process of locating, evaluating, and controlling the risks connected with an investment is called as risk management in the stock market.

Risk management is an methodology traders can use to minimize their losses, and to maintain as much as capital possible through market downturns in the share market.

Risk Management Rules


  • Always must use take profit and stop loss orders.
  • Whenever we cannot attend market time never leave any open positions in share market.
  • Always Avoid high volatility time period like economic news releases, 
  • Everyone Avoid making emotional decisions when in the trading.
  • Always record your performance and adjust as you progress.

स्टॉक मार्केट में पूंजीगत हानि  


स्टॉक मार्केट में पूंजीगत हानि वह हानि होती है , जब किसी भी कंपनी के स्टॉक को उसकी खरीद राशि से कम कीमत पर बेचा जाता है। शेयर बाजार में, ऐसा तब होता हैं, जब कीमते गिर रही हों, और एक ट्रेडर उस शेयर को खरीदी गई कीमत से कई गुना अधिक गिरने पर भी उस स्टॉक को बेचता नहीं है, तब ट्रेडर को स्टॉक मार्केट में पूंजीगत हानी उठानी पड़ती है।


और ऐसी हानि तब होती है जब कोई भी ट्रेडर अपनी स्ट्रेटजी के अनुसार किसी भी स्टॉक को खरीदता है, लेकिन वह स्ट्रेटजी फेल हो जाती है और तब निवेशक को नुकसान उठाना पड़ता है । इस नुकसान को कम करने के लिए जोखिम प्रबंधन या रिस्क मैनेजमेंट को फॉलो किया जाता है।


Risk Management In Stock Market /शेयर बाजार में जोखिम प्रबंधन क्या है?


‘ किसी निवेश से जुड़े जोखिमों का पता लगाने, उनका मूल्यांकन करने और उन्हें नियंत्रित करने की प्रक्रिया को "शेयर बाजार में जोखिम प्रबंधन"  या रिस्क मैनेजमेंट के रूप में जाना जाता है। 

जो कि शेयर बाजार के संचालन के लिए अति आवश्यक है , क्योंकि यह निवेशकों को शेयर खरीदने या बेचने पर अच्छी तरह से सूचित विकल्प चुनने में सक्षम बनाता है।’





जिससे शेयर बाजार में निवेश करने वाला कोई भी निवेशक अपने होने वाले लाभ को अधिक बढ़ा सकता है और होने वाली हानी को कम कर सकता है।


शेयर बाजार में जोखिम प्रबंधन कैसे करें / How To Follow Risk Management In Stock Market


शेयर बाजार में निवेशक यह जानते हैं की जोखिम को प्रबंध करना चाहिए, लेकिन कैसे ? यह तरीका वह नहीं जानते हैं तो चलते हैं कि शेयर बाजार में होने वाले जोखिम को कम करने के लिए रिस्क मैनेजमेंट कैसे करना चाहिए।


1. इक्विटी में निवेश करने वाला कोई भी निवेशक चार्ट पर बनने वाले चार्ट पेटर्न पर ट्रेड ले सकता है, अथवा किसी भी स्टॉक में होने वाले ब्रेकआउट स्ट्रेटजी पर ट्रेड बन सकता है अथवा कैंडिस्टिक पैटर्न के अनुसार भी ट्रेड बन सकता है।


2. लेकिन इन सभी स्ट्रेटजी के अनुसार बनाई गई ट्रेड यदि फेल होती है और वह उसे पैटर्न के नीचे आ जाती है तब हमें उस ट्रेड को एग्जिट कर देना चाहिए।



3. यदि बनाए गए ट्रेड के बाद हम स्टॉप लॉस लगते हैं तो वह होने वाली हानि को एक लिमिट में रखता है। और यदि हमारे स्ट्रेटजी फेल होती है तो वहां पर हम स्टॉप लॉस लिमिट ऑर्डर लगाते हैं । 


4. जिससे यदि हमारे स्ट्रेटजी के विपरीत भी हमारे द्वारा लिया गया स्टॉक जाता है , तो स्टॉप लॉस हमें उसे ट्रेड से निकाल देता है । जिससे होने वाले अत्यधिक लॉस से हम बच सकते हैं।


5. इक्विटी के अंदर किसी भी स्टॉक में डेली वीकली या किसी भी टाइम फ्रेम पर बनने वाला पैटर्न फेल होता है तब हमें CDSL व NSDL से हमारी इक्विटी ट्रेड को वेरीफाई करने के बाद उसे बेचा जा सकता है।


6. इक्विटी के अंतर्गत स्टॉप लॉस बिना CDSL व NSDL वेरिफिकेशन के नहीं बेच सकता है। इसके लिए वेरीफाई होने के बाद ही स्टॉप लॉस या हमारे द्वारा लगाया गया कोई भी ऑर्डर उस स्टॉक को बेचने में सक्षम होता है। 

Stop Loss Kya Hota Hai 


जब बिगिनर्स ट्रेडर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तब वह स्टॉप लॉस के बारे में नहीं जानते हैं । या उन्हें नहीं मालूम होता है कि स्टॉप लॉस कैसे लगता है? 

  • जब भी हम put या call में अपनी ट्रेड बनाते हैं, तब हमारा ऑर्डर एग्जीक्यूट होने के बाद पोर्टफोलियो में दिखता है। जब हम वहां पर अपनी ट्रेड पर ओके या क्लिक करते हैं तब एग्जिट ऑप्शन आता है।

  •  जहां पर sl order, limit order, या market order आदि ऑप्शन आते हैं , जहां पर स्टॉप लॉस के लिए हमें sl order ऑर्डर पर लिमिट सेट करना होता है, अर्थात जो भी प्राइस हम उसमें सेलेक्ट करते हैं ।

  • यदि उस प्राइस के आसपास मार्केट आता है या उसके नीचे जाता है तो हमारा ऑर्डर उस प्राइस पर सेल हो जाएगा जो हमने लिमिट में sl लगाया था ।

  • जिससे हमारे द्वारा लिया गया रिस्क एक लिमिट में हो जाता है। अर्थात जो sl हम लगाते हैं उससे ज्यादा का रिस्क या नुकसान हमें नहीं होता है।

  • शेयर बाजार में ट्रेड करने वाले निवेशक, ऑपरेटर, या पब्लिक सभी को एक लिमिट से अधिक हानि नहीं उठाने के लिए रिस्क को मैनेज करना बहुत आवश्यक है।

शेयर बाजार में रिस्क क्यों है? 


  1. शेयर बाजार में जोखिम के कई कारण होते हैं जैसे राजनीतिक उथल-पुथल, आर्थिक कारण, आपदा प्रबंधन, इकोनामी ब्याज दर में बदलाव आदि।
  2. जब हम अपनी मेहनत की कमाई को शेयर बाजार में स्टॉक, बॉन्ड या म्यूचुअल फंड जैसे निवेश साधनों में लगाते हैं, तब हम जिस तरह का जोखिम उठाते हैं वह क्रेडिट जोखिम, बाजार जोखिम, व्यावसायिक जोखिम, हो सकता है। 
  3. लेकिन निवेश का प्राथमिक जोखिम अस्थायी मूल्य में उतार-चढ़ाव नहीं है, बल्कि यह हमारी पूंजी का स्थायी नुकसान होता है।
  4. शेयर बाजार में किसी बड़ी कंपनी की हिस्सेदारी जिसका रिजल्ट भी बहुत मैटर करता है जैसे अभी हाल ही में HDFC बैंक का रिजल्ट आने के बाद ना कि HDFC बैंक बल्कि पूरा शेयर मार्केट ही बहुत अधिक गिर गया था ।
  5. शेयर बाजार में भारत के अलावा बाहर विदेशी बाजार का भी बहुत प्रभाव पड़ता है जब वैश्विक शेयर बाजार में नेगेटिव इफेक्ट दिखता है तो भारतीय बाजार ऑटोमेटिक ही डाउन हो जाता है।
  6. अतः शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय अपनी रिस्क को मैनेज करना बहुत अधिक आवश्यक है । और प्रत्येक ट्रेडर को इसमें अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाना चाहिए ताकि अपनी क्षमता से अधिक होने वाले हानी को कम किया जा सके और अपने लाभ को अधिक से अधिक बढ़ाया जा सके।

Disclaimer 


यहां पर दी गई जानकारी एक अच्छा ट्रेडर बनने में सहायक है। लेकिन किसी को भी ट्रेड करने की रिकमेंडेशन नहीं है , अपने विवेक को ध्यान में रखकर ही शेयर बाजार में ट्रेडिंग करें अन्यथा यह खतरों से भरा पड़ा है। जिसमें अनलिमिटेड रिक्स होती है इसमें होने वाला लाभ और हानि की जिम्मेदारी स्वयं निवेशक की होती है।

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