Bullish Kicker Candlestick Pattern in Hindi

जय श्री राम दोस्तों, मैं आप सभी का स्वागत करता हूं आज के इस आर्टिकल में हम शेयर मार्केट में बनने वाले विभिन्न प्रकार के कैंडल स्टिक पेटर्न्स के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जिसमें से आज के के पैटर्न का नाम bullish kicker candlestick pattern in hindi है , इसके बारे में हम इस आर्टिकल में विस्तार से जानकारी हासिल करेंगे। 

यहां पर हम इस पैटर्न के बनने पर स्टॉक मार्केट में किस तरह से मोमेंट हो सकता है , उसके बारे में विस्तार से जानेंगे और साथ ही साथ हमें इस पैटर्न के बनने पर किस तरह की ट्रेड लेना चाहिए, इस पर चर्चा करेंगे।

Bullish kicker candlestick pattern क्या होता हैं 


बुलिस कीकर दो कैंडलेस्टिक पेटर्न है जिसमें पहली कैंडल डाउन ट्रेंड के दौरान बड़ी रेड मारूबाजू कैंडल बनती है उसके बाद दूसरी कैंडल गैप अप के साथ खुलने के बाद बड़ी ग्रीन मारूबाजू कैंडल बनती है, अगर यहां पैटर्न सपोर्ट के पास दिखाई देता है तो तेजी का बहुत अच्छा संकेत मिलता है जिसे हम बुलिस कीकर कैंडलेस्टिक पेटर्न ( Bullish kicker candlestick pattern) कहते हैं।

Bullish kicker candlestick pattern एक ट्रेंड रिवर्सल पैटर्न हैं, जो कि डाउन ट्रेंड के दौरान बनता है, जिसमें डाउन ट्रेंड में शेयर बाजार में कोई भी स्टॉक फ्लैट to नेगेटिव ओपन होता है ।

Image: Bullish kicker candlestick pattern ki formation 



और पहली कैंडल पुरी की पूरी की रेड मारूबाजू कैंडल बन जाती है, उसके बाद अगली कैंडल गैप अप के साथ खुलता है और खुलने के बाद सीधा तेजी के साथ ग्रीन मारूबाजू कैंडल बन जाती है।

Bullish kicker candlestick pattern in hindi with example


  • बुलिश कीकर कैंडलेस्टिक पेटर्न मार्केट में तेजी को बताने वाला एक कैंडलेस्टिक पैटर्न है जो कि हमें सपोर्ट पर बनता हुआ दिखाई देता है। 
  • जो कि इस पैटर्न के बनने के बाद डाउन trend से मार्केट up ट्रेंड में बदल जाता है इसलिए इस पैटर्न को ट्रेंड रिवर्सल के रूप में देखा और पहचाना जाता है। 
  • जहां से कोई भी स्टॉक अपना ट्रेंड बदलकर तेजी के साथ ऊपर जाने लगता है और अप ट्रेंड में चलना शुरू हो जाता है।
  • इसके अंतर्गत हमें सबसे पहले ध्यान यह रखना चाहिए कि मार्केट जब सपोर्ट पर हो, तब इस पैटर्न का निर्माण हो , तभी मार्केट में बदलाव यानी की तेजी के संकेत दृढ़ होते हैं, इसलिए पहले तो यह सपोर्ट पर बननी चाहिए ।
  •  उसके बाद इसमें हमको एक बड़ी red मारूबाजू जैसी कैंडल दिखाई देगी जो की मंदी bears को प्रदर्शित करती हैं। 
  • लेकिन उसके तुरंत बाद दूसरी कैंडल एक तेजी bull वाली ग्रीन मारूबाजू कैंडल बनती हैं,जो की प्रथम कैंडल के क्लोजिंग पॉइंट से ऊपर ओपन होती हैं।
  • जिसे हम उदाहरण के द्वारा समझ रहे हैं चित्र में देखकर ही यह पैटर्न बिल्कुल समझ में आ जाता है , और इसी तरह से ट्रेड लेना फायदेमंद होता है।


Image: Bullish kicker candlestick pattern in hindi


यदि यह पैटर्न पूरी तरह से सक्सेसफुल बनता है तब हमें कंफर्म हो जाना चाहिए कि यही बुलिस कीकर कैंडलेस्टिक पैटर्न है और यहां से हमें किसी भी स्टॉक में खरीदारी करने की कोशिश करनी चाहिए।
और इसके साथ ही साथ हमें स्टॉप लॉस ( SL ) को रेड कैंडल के low पॉइंट पर अवश्य लगाना चाहिए।


Bullish Kicker Candlestick Pattern बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न के मुख्य बिंदू और विशेषताएं   


  1. यह पैटर्न हमेशा डाउन ट्रेंड अर्थात मंदी के दौरान ही बनता है।
  2. इसके अंतर्गत बनने वाली पहली कैंडल Red (लाल)मारूबाजु और दूसरी कैंडल Green ( हरी) मारूबाजु कैंडल बननी चाहिए।
  3. इसमें दूसरी कैंडल की ओपनिंग पहली कैंडल के क्लोजिंग पॉइंट से ऊपर ओपन होनी चाहिए।
  4. इस कैंडलेस्टिक पेटर्न के बनने पर मार्केट में तेजी के संकेत दिखाई देते हैं।
  5. यह डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न हमेशा सपोर्ट पर बनना चाहिए।
  6. यह कैंडलेस्टिक पैटर्न बनने के बाद हमें मार्केट में वॉल्यूम (Volumes) को चेक करके ही ट्रेड करनी चाहिए।
  7. इस पैटर्न के बनने पर हमें कोई भी ट्रेड करने से पहले स्टॉप लॉस पहली रेड कैंडल के low पॉइंट का अवश्य लगाना चाहिए।
Image: Trend Reversal pattern bullish Kicker 

बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न हमें मार्केट में क्या संदेश देता है?


यह पैटर्न बनने पर मार्केट में प्रत्येक ट्रेडर्स को तेजी का संकेत मिलता है जहां से मार्केट तुरंत रिवर्सल का संकेत देती है। और इसके बाद स्टॉक मार्केट में तेजी का संकेत ओर इशारा मिल जाता है ।


Disclaimer : इस एपीसोड में बुलीश कीकर कैंडलेस्टिक पेटर्न का बहुत अच्छे से वर्णन किया है और इसे पढ़ने के बाद आप इस पैटर्न के बारे में अच्छी तरह से सीख गए होंगे जिसे आप लाइव मार्केट में पहले तो टेस्ट कर सकते हैं, उसके बाद जब आपको अपने आप पर भरोसा आ जाए तब इस पैटर्न के भरोसे आप ट्रेड कर सकते हैं लेकिन सदैव याद रखें कि स्टॉप लॉस swing low का अवश्य लगाएं।



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