जय श्री राम दोस्तों अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपके लिए यह पोस्ट बहुत ही शिक्षाप्रद और लाभदायक होने वाली हैं। यहां पर हम उन सभी टॉपिक को क्लियर करने वाले हैं जिसमें आप किसी स्टॉक में ब्रेकआउट होने पर खरीदारी कर रहे हो या स्टॉक मार्केट में
इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हो।
जब भी स्टॉक मार्केट में यह पैटर्न बनता है तब निवेश करने वाले निवेशक को किस तरह का ट्रेड स्टॉक मार्केट में बनाना चाहिए और यह पैटर्न बनने के बाद स्टॉक मार्केट किस दिशा में जा सकता है उस पर भी गहरी चर्चा करने वाले हैं।
स्टॉक मार्केट में बनने वाले अलग-अलग टाइम फ्रेम का उपयोग किस तरह से करना चाहिए।किसी भी निवेशक को अपना स्टॉप लॉस और टारगेट कहां तक लगाना चाहिए आदि पर विस्तार से चर्चा करेंगे ।
Breakout trading in Hindi ! एक परिचय
जब एक निवेशक किसी भी स्टॉक में निवेश करने की इच्छा रखता है तब वह उन सभी स्टॉक में नजर रखता है जिसमें कई समय से एक रेंज बनी हुई है। और जब भी उनमें से किसी भी स्टॉक में ब्रेकआउट देखने को मिलता है तब एक अच्छा निवेशक तुरंत उस स्टॉक में खरीदारी करता है।
और इस तरह से की गई खरीदारी में निवेशक को अच्छी तरह से बहुत ही जल्दी अच्छा मुनाफा मिल जाता है क्योंकि ब्रेकआउट होने के तुरंत बाद ही वह स्टॉक बहुत अधिक तेजी के साथ ऊपर की ओर बढ़ता है और कुछ ही दिनों में अच्छा मुनाफा ट्रेडर्स को दे देता है।
स्टॉक मार्केट में ब्रेकआउट क्या होता है? With example
ब्रेकआउट का मतलब है जब किसी stock की कीमत उसके Resistance level से ऊपर उठ जाती है, या Support level से नीचे गिर जाती है। ब्रेकआउट किसी स्टॉक की कीमत के ब्रेकआउट के बाद उसकी दिशा में ट्रेंड करने की संभावना को इंगित करते हैं , अर्थात तेजी का संकेत देता है। जिसे हम स्टॉक मार्केट में ब्रेक आउट कहते हैं।
उदाहरण के लिए,
चार्ट पैटर्न से ऊपर की ओर ब्रेकआउट यह संकेत देता है कि कीमत ऊपर की ओर तेजी का trend स्टार्ट करना शुरू कर देगी।
स्टॉक मार्केट में ब्रेकआउट का होना तकनीकी विश्लेषण के कारण होता है। जो की पूर्व में किसी एक ही रेंज के अंदर कोई भी स्टॉक ट्रेड कर रहा है लेकिन तकनीकी विश्लेषण के कारण उसमें उस रेंज का ब्रेकआउट हो जाता है जिसे हम स्टॉक मार्केट में रेंज ब्रेकआउट कहते हैं और उसमें अपनी ट्रेड को खरीदने की साइड में बनाते हैं।
Image: PFC Stock mein break out with high volume
जब कोई भी एक स्टॉक कई दिनों तक महीना तक एक ही रेंज में ट्रेडिंग कर रहा होता है और उसके बाद जैसे ही उसे रेंज का ब्रेकआउट अधिक वॉल्यूम्स के साथ ऊपर की ओर तोड़ देता है तो उसे स्टॉक में खरीददारी की ओर संकेत मिलता है और वहां से उस स्टॉक में जबरदस्त तेजी देखने को मिलती है।
How To Find Breakout Stocks - मुख्य रूप से काम करने वाले तकनीकी संकेतक/Indicater
ब्रेकआउट स्टॉक की पहचान करने के लिए मुख्य रूप से उपयोग किए जा सकने वाले Indicaters /संकेतकों के उदाहरणों में शामिल हैं:
- VOLUMES
- MACD (मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस)
- RSI (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स)
- SUPERTREND
सर्वश्रेष्ठ निवेशक को चाहिए कि वह इसमें मुख्य रूप से ब्रेक आउट का संकेत देने वाले संकेतकों को अच्छी तरह से परख कर ही अपनी ट्रेड को निर्धारित करें। जिसमें
1. VOLUMES:
यदि किसी भी स्टॉक में एक निश्चित रेंज के बाद High वॉल्यूम के साथ तेजी से ब्रेक आउट दिखाई देता है तब यह उस स्टॉक में खरीदारी के लिए संकेत हो सकता है।
2. MACD (मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस):
यदि किसी स्टॉक में MACD अधिक तेजी के साथ ऊपर की ओर बढ़ता है तब यह दूसरा संकेत खरीदारी का हो सकता है क्योंकि यह उसे स्टॉक के मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डायवर्जेंस को बताता है।
3. RSI (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स):
RSI तीसरा यह इंडिकेटर भी संकेत देता है कि उस स्टॉक में ब्रेकआउट हो गया है या नहीं। यदि इस इंडिकेटर से भी हमें ब्रेकआउट का संकेत मिलता है तब यह तीसरा संकेत हो सकता है उस स्टॉक में खरीदारी करने के लिए ।
4. SUPERTREND :
स्टॉक मार्केट में सुपर ट्रेड एक बहुत ही अच्छा इंडिकेटर है जो अलग-अलग सेटिंग्स पर बहुत अच्छा ट्रेडिंग उपलब्ध करवाता है। यदि एक विशेष टाइम फ्रेम की रेंज के बाद ब्रेकआउट दिखाता हूं तब यह चौथा इंडिकेटर खरीदने की ओर इशारा करता है।
ऊपर बताए गए इंडिकेटर के अलावा और भी बहुत सारे ऐसे इंडिकेटर हैं जिन्हें निवेशक अलग-अलग तरीके से उपयोग करते हैं और निवेश के दौरान प्रयोग करते हैं। एवं अच्छा प्रॉफिट कमाते हैं।
इसके साथ ही, कैंडलस्टिक पैटर्न/ CANDLESTIC PATTERN समान परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, जो यह साबित करते हैं कि ब्रेकआउट को इंगित करना मुश्किल नहीं है। और इसके आधार पर एक निवेशक अपनी ट्रेड को एग्जीक्यूट कर सकता हूं तथा स्टॉप लॉस को ठीक नीचे एक निश्चित पॉइंट पर लगा सकता है।
How To Find Breakout Stocks : PIVOT POINT
स्टॉक मार्केट में PIVOT POINTs का भी विशेष ध्यान रखते हैं।
- जिसमें सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच बनी हुई रेंज यदि लंबे समय तक रहती है और उसके बाद ब्रेक आउट होता है तब किसी स्टॉक में तेजी बहुत अधिक हो सकती है।
- इसलिए एक निवेशक निवेश करने के लिए सपोर्ट को S1 & S2 के रूप में मार्क कर लेते हैं और रेजिस्टेंस लेवल को R1 & R2 से मार्क कर लेते हैं.
- इसके बाद निवेशक जैसे ही मौका मिलता है वैसे ही अपनी पोजीशन स्टॉक मार्केट में खरीदारी करने में बना लेते हैं।
- और यदि मार्केट में कोई भी पैटर्न और ब्रेकडाउन अपनी स्ट्रेटजी के विपरीत बनता है तो स्टॉक को बेचने में बना लेते हैं।
- निवेशक जब भी स्टॉक मार्केट में किसी स्टॉक में खरीददारी करने का प्लान तैयार करते हैं तब वह उन्हें कई दिनों तक नोटिस करते हैं और उचित ब्रेक आउट या technical analysis या फिर किसी स्टॉक में रेंज का ब्रेक होने के बाद खरीददारी करते हैं।
- अतः एक निवेशक स्टॉक मार्केट में PIVOT POINTs को बहुत अधिक महत्व देता है और मौका मिलते ही अपनी ट्रेड को बना लेता है।
Breakout in stocks in Hindi
निवेशक जब भी स्टॉक मार्केट में किसी स्टॉक में खरीददारी करने का प्लान तैयार करते हैं तब वह उन्हें कई दिनों तक नोटिस करते हैं और उचित ब्रेक आउट या technical analysis या फिर किसी स्टॉक में रेंज का ब्रेक होने के बाद खरीददारी करते हैं।
अतः एक निवेशक किसी भी स्टॉक में उचित ब्रेक आउट चाहे वह वॉल्यूम से हो, चाहे वह किसी और इंडिकेटर से हो, या फिर कैंडलेस्टिक पेटर्न से हो। तभी उस स्टॉक में निवेश करेगा और अपनी कैपेसिटी के अनुसार उस स्टॉक के कुछ शेयर खरीद लेता है जिससे कुछ ही समय में निवेशक को अच्छा प्रॉफिट मिल जाता है।
Fake / False Breakout In stock market in Hindi
कई बार जब किसी भी स्टॉक में ब्रेकआउट देखने को मिलता है और वॉल्यूम के साथ किसी भी पैटर्न या range का break out करके ऊपर की ओर बढ़ता तो है लेकिन sustain नहीं होकर वापस पुरानी range में high volumes के साथ break down हो जाता है, जिसे स्टॉक मार्केट में false या fake ब्रेक आउट कहते हैं।
Image: Sun TV Network stock में false /fake breakout के बाद breakdown with high volumes .
लेकिन यदि वही स्टॉक ऊपर की ओर ब्रेकआउट करने के बाद नीचे की range के पास आकर वहां support बनाकर वहां ऊपर की ओर बढ़ता है, तब उस स्टॉक में बहुत ही अच्छी opportunity मिलती है और वहां से खरीदारी का संकेत मिलता है।
उसके बाद जब भी पिछला high price को क्रॉस करके ऊपर निकलता है तब बहुत ही अच्छा मोमेंट ऊपर की ओर देता है जिसे वास्तव में सही ब्रेकआउट माना जाता है।
Breakout Candlestick Pattern PDF Download
ब्रेकआउट ट्रेडिंग रणनीति क्या है?
ब्रेकआउट ट्रेड में स्टॉक की कीमत रेजिस्टेंस लेवल से ऊपर टूटने पर लॉन्ग पोजीशन में प्रवेश करना शामिल होता है, और यदि यह सपोर्ट लेवल से नीचे टूटती है तो शॉर्ट पोजीशन में प्रवेश करना शामिल होता है।
F&Q
1. ब्रेकआउट के बाद एंट्री कब लेनी चाहिए?
एक अच्छा निवेशक किसी भी साइड ब्रेकआउट होने के बाद Retest का इंतजार करता है और जैसे ही retest सफल हो जाता है उसके बाद उस स्टॉक के ट्रेड में एंट्री कर लेना उचित होता है।
2. मुझे कैसे पता चलेगा कि स्टॉक से कब निकलना है?
उस कंपनी की नेगेटिव सूचना, फंडामेंटली लॉस होना, बुरी खबर प्रसारित होना या कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न पर बेयरिंग पैटर्न बनना आदि शामिल है।
3. शेयर कितने मे बजे खरीदना चाहिए?
भारतीय शेयर बाजार 9:15 बजे से 15:30 बजे तक खुलता है तथा एक सामान्य निवेशक को इसी दौरान खरीददारी करना चाहिए।
4. ब्रेकआउट ट्रेडिंग की पुष्टि कैसे करें?
किसी भी स्टॉक का ब्रेक आउट होने के बाद उसके वॉल्यूम, macd, moving average, तथा RSI आदि इंडिकेटर का उपयोग करके ब्रेकआउट ट्रेडिंग की पुष्टि कर सकते हैं।
5. स्टॉक मार्केट में ब्रेकआउट किस तरह का होना चाहिए?
स्टॉक मार्केट में ब्रेकआउट W pattern , range break Out, N pattern, head and shoulders आदि पैटर्न का ब्रेकआउट होने के बाद उसे स्टॉक में खरीदारी की जा सकती है ।
6. ब्रेकआउट के लिए किस इंडिकेटर का उपयोग करना है?
सामान्य रूप से किसी भी स्टॉक में ब्रेकआउट की पहचान करने के लिए मूविंग एवरेज, EMA, RSI, MACD, PIVOT POINTS, VOLUMES आदि इंडिकेटर का उपयोग किया जाना चाहिए ।
Conclusion
ट्रेडर्स आज किस आर्टिकल के माध्यम से आप लोगों के लिए Breakout Candlestick Chart Patterns से संबंधित अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास किया है।
और साथ ही आप लोगों को Breakout Candlestick Chart Patterns को उदाहरण सहित समझाया है ।
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धन्यवाद